जैसा कि हम लोगो ने साइंस में पढ़ा है system & surrounding के बारे में, system & surrounding मिल कर ही यूनिवर्स का निर्माण करते है। दोनों का नेचर बिलकुल उल्टा होता है
अगर हम खुद को एक सिस्टम माने तो बाकि की पूरी दुनिया हमारे लिए surrounding होगी। अगर हम ध्यान से सोचें तो ये पता चलेगा की जो चीज़ हम दुसरो पर आसानी से कर देतें हैं वो खुद पर करने में बहुत मुश्किल होती है
और जो हम दुसरो पर मुश्किल से कर पाते हैं वो खुद पर करना बहुत आसान होता है।
हम कुछ उदाहरण से समझ सकते हैं कि मैं क्या समझाना चाहता हूँ ।
जैसे की दुनिया वालो से झूट बोलना बहुत ही आसान काम है , हम अक्सर ऐसा कर देते हैं पर हम खुद से कभी भी झूट नहीं बोल सकते हैं।
हम लोग एक दूसरा उदाहरण ले सकते हैं, जैसे की दुसरो को सजा देना बहुत आसान है, दुसरो को भला बुरा बोलना , उनमे कमियाँ निकालना आसान है परन्तु खुद को सजा देना , खुद की कमियां निकालना उतनी ही मुश्किल होती है।
ये तो कुछ उदाहरण थे जिसमे की दुनियाँ के लिए आसान थी परन्तु खुद के लिए मुश्किल , अब कुछ उदहारण देखते हैं जिसमे की हम ये देखेंगे की दुनियाँ के लिए जो मुश्किल है खुद के लिए आसान।
जैसे की अगर दुनियाँ अगर किसी का मजाक उड़ाती है तो दुनियाँ वालो को समझाना बहुत ही मुश्किल है परन्तु हम खुद को आसानी से समझा सकते हैं की उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए । खुद को समझाना इसलिए आसान बोल रहा हूँ क्यों की दुनियाँ में करोड़ो लोग हैं पर आप खुद एक ही हो। इसलिए खुद को नियंत्रित करना कई गुना आसान है होगा ।
इन बातो से ये समझना चाहिए की हमें कैसे खुद को खुश रखना है , कैसे दुसरो के साथ वयवहार करना चाहिए।
ओम साईं राम । ओम साईं राम । ओम साईं राम । ओम साईं राम । ओम साईं राम । ओम साईं राम ।


Nice thought
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